आज फिर कुछ ऐसा हुआ, जो सदियों से कुदरत का दस्तूर रहा है,
बेटा खिल कर फूल बन गया और बाप मुरझा कर घूर रहा है!!
जो कल खेल रहा था बचपन की गलियों में, आज वो बन चूका बड़ा है,
और जो डूबा था जिम्मेदारी की जवानी में, वो बुढ़ापा बनकर खड़ा है!!
आज खड़े है दोनों आमने- सामने, ये भूलकर की अब तक कैसे जिए,
बेटा अपनी आँखों में जिज्ञासा, और बाप जुबाँ पर कुछ प्रश्न लिए!!
कुछ देर यूं ही खड़े थे दोनों, एक दुसरे को ताकते हुए,
ख़ामोशी से बोल रहे थे, एक दुसरे के मन में झांकते हुए!!
फिर बाप की गहरी बूढी आँखों ने पुछा- 'बेटा!......इन आँखों से दुनिया और दुनियादारी खूब देखी!
अब बारी तेरी है, खुद देखने की और मुझे भी दिखाने की!....बोल!...क्या तू दिखाएगा?'
बेटा खामोश रहा....................
फिर बाप के खामोश कांपते होठो ने पुछा- 'बेटा!...अब इन होठो की क्षमता घट चुकी है!
अब बारी तेरी है, अपने लिए बोलने की और मेरे लिए भी!....बोल!...क्या तू बोलेगा?'
बेटा खामोश रहा....................
फिर बाप के झुके हुए कंधे ने पुछा- 'बेटा!....इन कंधो ने तब तक जिम्मेदारियों का बोझ उठाया, जब तक ये झुक नहीं गए!
पर अब बारी तेरी है, अपना बोझ उठाने की और मेरा भी!.....बोल!....क्या तू उठाएगा?
बेटा खामोश रहा....................
फिर बाप के थरथराते हाथो ने पुछा- 'इन हाथो ने तब तक कर्म किये, जब तक ये कमजोर नहीं हो गए!
पर अब बारी तेरी है, अपने लिए कर्म करने की और मेरे लिए भी!....बोल!...क्या तू करेगा?
बेटा खामोश रहा....................
फिर बाप के लड़खड़ाते कदमो ने पुछा- 'इन कदमो ने तब तक चलना नहीं छोड़ा,जब तक ये थक नहीं गए!
लडखडाये, गिरे, उठे, संभले और फिर चले!
पर अब बारी तेरी है, अपने लिए चलने की और मेरे लिए भी!....बोल!......क्या तू चलेगा?
बेटा खामोश रहा.....................
और अब बाप के स्याह पड़ चुके चेहरे ने पुछा- 'अब तक तू मुझसे उम्मीदे रखता था,पर अब मै थक चूका हूँ!
अब बारी तेरी है!...बोल!....क्या मै तुझसे उम्मीदे रख सकता हूँ, की तू जियेगा मेरे लिए भी, जब तक जिन्दा हूँ?
बेटा खामोश रहा......................
बेटा खामोश रहा!......क्योकि ये हर बेटे के लिए है!.........आपका जवाब क्या है?......ये आप पर निर्भर है!!!!!!!!!
बढ़िया रचना!
ReplyDeleteगद्य-पद्य का अच्छा समावेश किया है आपने!
अति सुन्दर ||
ReplyDeletebahut- bahut dhanywad!!!!!!!!!
ReplyDeleteसच को सुंदरता से लिखा !!!
ReplyDeleteआज की कडवी सच्चाई को उजागर करती पोस्ट बहुत खूब लिखा
ReplyDeleteब्लॉग अपनी अच्छी अच्छी पोस्ट्स से निखरता जा रहा है.इसे सबसे पहले विजेट्स से सजाइए.और इसका प्रमोशन ज्यादा से ज्यादा कीजिये.ब्लॉग प्रमोशन पर मैने कई पोस्ट्स लिखीं हैं आप उनको पढ़िए.और खास कर अपने ब्लॉग को विजेट्स से सजाइए.
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