नमस्कार दोस्तों!......कहते है, ''जान है तो जहान है!''......शायद सच ही है!...जिन्दगी के कुछ सपने है, कुछ लक्ष्य है, जिन्हें हासिल करने के लिए निरंतर लम्बे अरसे से गाँव- घर और अपनों से दूर यहाँ शहर में संघर्षरत हूँ! इस दरमियान मैंने क्या हासिल किया और क्या खोया, ये आई और गई वाली बात हो गई!.....क्योकि संघर्ष तो तब तक ख़तम नहीं होता, जब तक हम खुद हार नहीं मान लेते!.....कम से कम मै उन लोगो में से तो नहीं हूँ!.....संघर्ष तो तब तक कायम रहेगा, ''जब तक है जान!''.........
बस!....इस लम्बे अरसे में कई बार बीमार होने के बाद, शारीरिक रूप से थोडा कमजोर हो गया हूँ!....उसी की भरपाई के लिए कुछ दिनों के लिए गाँव जा रहा हूँ!....माँ के हाथ की रोटी खाने, गाँव की शुद्ध हवा लेने!.......तब तक फेसबुक और ब्लॉग से थोडा दूर ही रहूँगा!........और जल्द ही वापस लौटूंगा, अपने अभियान पर!......उम्मीद करता हूँ की आप सभी की दुआए साथ होंगी!........
आपका दोस्त
विनोद मौर्य